कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में अंधविश्वास का मेला:कलेक्ट्रियट घाट पर झूमती दिखी महिलाएं, भूतों को गीतों से रिझा कर बुलाते हैं भगत
CRIME INDIA NEWS
AWAZ BHANDARA
Nov 19, 2021, 4:57 PM
पटना के कलेक्ट्रियट गंगा घाट पर शुक्रवार से अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है। यहां एक नहीं कई भगत भूतों को नचा रहे हैं। भगतों का दावा है कि जिन भूतों को यहां बुलाया, वे ज्यादातर महिलाओं के ही बदन पर दिखते हैं। महिलाएं बैठे-बैठे नाचती, झूमती हुई दिखती हैं। इनमें कई ग्रामीण इलाकों की महिलाएं तो कुछ महिलाएं शहरी भी हैं।
थिरकने के बाद महिलाओं ने भगत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया
घाट पर भगत गीत-गाते रहे और ढोलक-डफली पर महिलाएं थिरकती रहीं। थिरकने के बाद उन्होंने भगत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। दोनों ने हाथ मिलाया और फिर सवाल-जवाब हुए। भूतों ने भगतों से कहा- ठीक है अब आप जैसा कहेंगे, वैसा ही करेंगे। एक महिला बोलती दिखी- जहां से बोलेंगे वहां से कूद जाएंगे। यानी भगतों ने भूतों को सरेंडर करवाया। अपने वश में।
तबीयत खराब रहती थी इसलिए यहां आए
घाट पर भगतों की ऐसी दर्जनों मंडलियां दिखीं। कोई गया से तो कोई जहानाबाद से यहां आए हैं। महिलाएं भी कई इलाकों से परिवार के साथ यहां पहुंची। शुरुआत पूजा पाठ से हुई। नए कपड़े और फल आदि सब चढ़ाए गए। भगत ने जैसे-जैसे गीत गाना शुरू किया। सामने बैठी महिलाएं धीरे-धीरे झूमने लगीं। कुछ ही देर में वे जोर-जोर से सिर आगे पीछे करने लगीं। यह सब गीत के रिदम के साथ चलता रहा। देर तक झूमने वाली एक महिला रामबती देवी ने बताया कि तबीयत खराब रहती है। देवी-देवता ने धड़ लिया है। इसलिए गंगा नहाने आए हैं। बिना कारण के कोई यहां नहीं झूमता है।
कहीं-कहीं बीड़ी भी सुलगाई गई
कुछ जगहों पर बीड़ी भी सुलगाई गई और महिलाओं सहित भगतों ने भी बीड़ी पी। उसके बाद ढोलक की थाप पर गायन शुरू। पता चला कि भगत इसके लिए नए कपड़े और पैसा आदि लेते हैं। कार्तिक पूर्णिका के दिन सुबह 5-6 बजे से ही यह खेल शुरू हो जाता है और 11-12 तक चलता रहता है।