खुले परिसर में फेंके जा रहे मातोश्री गौशाला के मृत मवेशी, नही हो रहि कारवाई!!

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CRIME INDIA NEWS

आवाज़ भंडारा

लाखनी/संवादाता:- लाखनी तहसील अंतर्गत रेंगेपा

कोहली के मातोश्री गौशाला से एक बार फिर निराशाजनक मामला सामने आया है इस गौशाला के परिसर में 9 से 10 गोवंश मृत अवस्था में पाए जाने से गौशाला की कार्यप्रणाली पर नागरिकों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है यह घटना पहली बार कि नहीं है इसके पहले भी मृत मवेशियों को खुले में फेंके जाने की घटना सामने आई थी किंतु तब भी कोई कार्रवाई नहीं की थी जिसके चलते हैं मातोश्री गौशाला के हौसले अभी भी बुलंद दिखाई दे रही है किंतु खुले में मृत मवेशी फेंके जाने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां होने की संभावना हर पल बनी हुई है इससे नागरिकों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है वैसे ही मातोश्री गौशाला कई बार विवादों में घिर चुकी है एक तरफ जहां पुलिस तत्परता से कड़ी मेहनत मशक्कत कर गौ तस्करों के चंगुल से गौवंश को बचा कर इन गौशाला के सुपुर्द करती है तो वही इस गौशाला में गोवंश और सुरक्षित होकर उन्हें दोबारा कत्लखाने में ले जाए जाने हेतु तस्करों को बेच दिया जाता है इस प्रकार की गौशाला पर तत्काल कार्रवाई करती हुई उसे बंद किया जाना चाहिए वर्तमान में भंडारा जिला कोरोना से ऊपर ही रहा है किंतु संकट बरकरार है और ऐसे में मृत मवेशी खुले परिसर में फेंके जाने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है इस पहलू पर भी विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए लखनऊ पुलिस अंतर्गत आने वाली है गौशाला पर तुरंत सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है इसके पूर्व भंडारा जिले की गौशाला में से गौ तस्करों को मवेशी बेचकर उससे मिलने वाली राशि से टेरर फंडिंग करने का बड़ा मामला सामने आया था जिसका खुलासा मुंबई के एनिमल वेलफेयर अधिकारी राजू गुप्ता ने पत्र परिषद में जानकारी देकर किया था उनका शालाओं में मातोश्री गौशाला का भी समावेश है यादवराव कागती द्वारा संचालित मातुश्री गौशाला मैं जब एनिमल वेलफेयर अधिकारी गुप्ता ने जांच की थी जिसमें कई गंभीर बात सामने आई है गौशाला को सुपुर्द की गई 30 हजार गौवंश की अवैध बिक्री की गई गोवंश के प्रति सतर्कता ना बरतना गोवंश का रिकॉर्ड ना रखना चारा पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं क्षमता से अधिक गोवंश प्राप्त कर अवैध तरीके से बिक्री करना मवेशियों के मृत होने का झूठा प्रमाण पत्र जोड़ना जैसे गड़बड़ियां जांच में पाई गई इस कारण गोविंद बिक्री किए जाने का खुलासा राजू गुप्ता की जांच रिपोर्ट में किया गया था किंतु इस मामले के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है और यह मामला अभी भी रहस्यमई बना हुआ है किंतु मातोश्री गौशाला में इसके पूर्व भी खुले में मृत मवेशी फेंके जाने की बात प्रकाश में आई थी किंतु ना तब उस गौशाला पर लखनी पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई इसीलिए ही शायद आज दोबारा वह घटना घटित हुई है क्या लाखनी पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है क्या इस पर शासन प्रशासन का ध्यान केंद्रित हुआ है या फिर इन गौशालाओं का गोरखधंधा चलते रहेगा क्या गौशाला के संचालक गौशाला की आड़ में अपनी जेब गर्म कर रहे हैं इस प्रकार के कई सवाल नागरिकों द्वारा उठाए जा रहे हैं अब देखना यह है कि क्या मातोश्री गौशाला जैसी अनियमितता बरतने वाली गौशालाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए कोई कठोर कदम उठाए जाते हैं या इसी तरह ढील बरती जाती है।

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