बीड जिले में 4605 महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए, सरकार ने दिए जांच के आदेश

  • मंत्रालय के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी गर्भाशय निकालने के मामलों की जांच
  • विधायक नीलम ने कहा कि गर्भाशय इसलिए निकाले ताकि महिलाएं माहवारी के दौरान काम में ढिलाई न करें

बीड. महाराष्ट्र के बीड जिले में पिछले तीन साल में 4,605 महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह जानकारी दी। शिंदे ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति बीड में गर्भाशय निकालने के मामलों की जांच करेगी।

गन्ना मजदूर महिलाओं के ज्यादा मामले 

शिवसेना विधायक नीलम गोर्हे ने विधान परिषद में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीड जिले में गन्ने के खेत में काम करने वाली महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिए गए, ताकि माहवारी के चलते उनके काम में ढिलाई न आए।

99 प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए ये ऑपरेशन

मंत्री ने सदन को बताया कि जिले में सामान्य प्रसवों की संख्या सीजेरियन की संख्या से कहीं अधिक है। बीड जिले के सिविल सर्जन की अध्यक्षता में गठित समिति ने पाया कि ऐसे ऑपरेशन 2016-17 से 2018-19 के बीच 99 निजी अस्पतालों में किए गए। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए, उनमें से कई गन्ना खेत में काम करने वाली मजदूर नहीं हैं।

जांच टीम में 3 गाइनोकोलॉजिस्ट

मुख्य सचिव वाली समिति में तीन गाइनोकोलॉजिस्ट और कुछ महिला विधायकों के प्रतिनिधि होंगे। यह समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। राज्य सरकार ने सभी चिकित्सकों को आदेश दिया था कि वे अनावश्यक रूप से गर्भाशय नहीं निकालें। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अप्रैल में इस मामले के प्रकाश में आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.